DETAILED NOTES ON पारद शिवलिंग के फायदे

Detailed Notes on पारद शिवलिंग के फायदे

Detailed Notes on पारद शिवलिंग के फायदे

Blog Article

क्या घर में पारद शिवलिंग रखना सुरक्षित होता है?

वरील पद्धतीने रोजची पूजा करू शकता पण पहिल्या दिवशी स्थापन करताना जो पहिला अभिषेक असेल तेव्हा पंचामृताने अभिषेख करावा नंतर ऐं ह्रीं श्रीं ऊं नम: शिवाय: श्रीं ह्रीं ऐं किंवा नमः शिवाय ने १०८ बेल शिव पिंडीवर अर्पित करावा त्यावर प्रत्येक वेळी बेलावर चंदन लावून हा अर्पण करावा थोडा वेळ लागला तरी चालेल. 

प्रतिदिन धूप-दीप दिखाते हुए इस यंत्र की पूजा अर्चना करें।

दुर्गा देवी की स्तुति से मिटते हैं सारे कष्ट और मिलता है माँ भगवती का आशीर्वाद

आध्यात्मिक विकास: स्फटिक शिवलिंग की उपस्थिति से आध्यात्मिक ज्ञान और विकास को बढ़ावा मिलता है।

पाऱ्यापासून निर्मित शिवलिंगाचे आहे विशेष महत्त्व, केवळ स्पर्शाने मिळते पुण्य

सकारात्मक वातावरण: यह शिवलिंग नकारात्मक विचारों और भावनाओं से घर के सदस्यों की रक्षा करता है, जिससे घर में सकारात्मक वातावरण का निर्माण होता है।

हालांकि पारद शि​वलिंग आसानी से नहीं मिल पाती, ऐसे में आप घर पर स्फटिक शिवलिंग या कोई अन्य शिवलिंग रख सकते हैं.

अशी आख्यायिका मिळते कि समुद्र मंथनाच्या वेळी मोहिनी रूपातल्या स्त्री रुपी विष्णू ला पाहून शिव मोहित झाले आणि त्यांच्या मैथुन क्रियेतून पारा रुपी द्रव उत्त्पत्तीत आला.

ईश्वरीय कृपा: पारद शिवलिंग की पूजा करने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है, जो जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में सफलता दिलाने में सहायक होती है।

जोधपुर के मेहरानगढ़ किले में भगवान शिव को शिवलिंग के साथ भित्तिचित्र कला में दर्शाया गया है।

पारद श्री यंत्र की स्थापना से पूर्व श्री यंत्र मन्त्र “ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं नम:” और “ॐ read more श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्री ह्रीं श्री ॐ महालक्ष्म्यै नम:” का जाप करें।

स्वयंभू शिव: स्फटिक शिवलिंग को भगवान शिव का स्वयंभू रूप माना जाता है। अर्थात, यह प्राकृतिक रूप से निर्मित होता है और किसी बाहरी प्रक्रिया से नहीं।

यह घर के सदस्यों को नकारात्मक विचारों और भावनाओं से बचाता है।

Report this page